दीपावली का त्यौहार देश के बड़े त्यौहारों में से एक हैं. जीवन को अंधकार से प्रकाश में जाने का संकेत देने वाला यह त्यौहार जितने उत्साह से मनाया जाता हैं, उतने ही उत्साह से इसकी पूजा विधि संपन्न की जाती हैं . पुरे महीने लोग दीपावली के त्यौहार की तैयारी करते हैं, जिसकी शुरुवात साफ़ सफाई से की जाती हैं, क्यूंकि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का महत्व होता हैं, और लक्ष्मी वहीँ निवास करती हैं जहाँ सफाई होती हैं .
कोई भी त्यौहार उसकी पौराणिक कथा के कारण अधिक लोक प्रिय होता हैं, ऐसे ही दीपावली क्यों मनाई जाती है, इस पर बहुत सी कथाएं प्रचलित है. हिन्दू संस्कृति में पंचाग का विशेष महत्व है, बिना शुभ समय देखे कोई कार्य नहीं किये जाते हैं, किसी भी पूजन का शुभ मुहूर्त देखकर ही शुभारम्भ किया जाता हैं .
धनतेरस:
शुभमुहुर्त :
22 अक्टूबर 2022
शनिवार
शाम 5:44 से रात 06:05 तक
नरकचौदस / काली चौदस:
शुभमुहुर्त :
23 अक्टूबर2022
गुरुवार
सुबह 05:04 से सुबह 06:27 तक
दीपावली लक्ष्मी पूजा:
शुभमुहुर्त :
24 अक्टूबर 2022
सोमवार
शाम 6:54 से रात 8:16 तक
अवधि: 1 घंटा 21 मिनट
प्रदोष काल :5.43 से 8.16
वृषभ काल :6.54 से 8.50
दीपावली महानिशता काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त :23:40 से 24:31
अवधि: 0 घंटा 50 मिनट
महनिशिता काल :23:40 से 24:31
सिंह काल :25:26 से 27:44
दीपावली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शाम का मुहूर्त (अमृत, चल):17:29 से 19:18
रात का मुहूर्त (लाभ):22:29 से 24:05
रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल):25:41 से 30:27
गोवर्धन पूजा:
शुभमुहुर्त :
26 अक्टूबर 2022
बुधवार
सुबह 06:28 से सुबह 08:43 तक
भाई दूज :
शुभमुहुर्त :
26 अक्टूबर 2022
बुधवार
दोपहर 1:44 से 3:26 तक