मंगल दोष: प्रभाव और निवारण
क्या आप शादी के प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं या आप अपने विवाहित जीवन में बहुत सारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं? क्या आप अपनी शादी में खुश नहीं हैं? यदि आप मंगल दोष से ग्रस्त हैं तो आपको इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मंगल दोष के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें।
वैदिक पौराणिक कथाओं के अनुसार मंगल माता पृथ्वी के पुत्र हैं। यह एक गर्म और लाल ग्रह है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रह ऊर्जा, जुनून और आक्रामकता का प्रतीक है।

मंगल दोष
यदि मंगल जन्म कुंडली के 1, 2, 4 वें, 7 वें, 8 वें या 12 वें घर में है, तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति मांगलिक है। व्यक्ति मंगल दोष से ग्रस्त हो भी सकता है या नहीं भी।
मंगल दोष तब होता है जब: –
1. शनि, राहु या केतु जैसे पुरुष ग्रहों की नजर ऊपर बताए गए छह में से किसी भी एक घर के मंगल ग्रह पर होती है।
2. जब शनि, राहु या केतु ऊपर बताए गए किसी भी घर में मंगल के साथ विद्यमान होते हैं।
3. मंगल इन घरों में एक नीच स्थिति में होता है। इस स्थिति में यह खतरनाक प्रभाव पैदा करता है।
इसलिए मांगलिक होना और मंगल दोष से पीड़ित होना अलग-अलग बात है। एक मांगलिक में मंगल दोष हो सकता है लेकिन मंगल दोष के अंतर्गत आने वाला व्यक्ति हमेशा मांगलिक होता है।
मंगल दोष प्रभाव
मंगल दोष का प्रभाव मुख्य रूप से विवाह पर देखा जाता है। निम्नलिखित दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं:
- रिश्ते टूट जाते हैं
- अस्थिर और दुखी शादीशुदा ज़िंदगी
- व्यक्ति के लिए शादी के प्रस्ताव नहीं आते
- यदि कोई प्रस्ताव आता भी है, तो वह विवाह तक नहीं पहुंचता
- पति-पत्नी एक-दूसरे का सम्मान नहीं करते हैं
- जोड़ा लंबे समय तक संतान सुख से वंचित रहता है
- पति-पत्नी में झगड़े आम होते हैं और इससे तलाक हो सकता है
- दुर्घटनाएँ हो सकती हैं
- किसी भी प्रकार की रक्त संबंधी बीमारी की संभावना अधिक होती है
- बच्चे माता-पिता का सम्मान नहीं करते हैं
मंगल दोष निवारण
मंगल दोष के कुप्रभावों को कम करने के लिए कई उपाय हैं। हालाँकि, ये पूरी तरह दोष निवारण करने में असक्षम हो सकते हैं, तथापि इनसे व्यक्ति को काफी राहत मिल सकती है।
विभिन्न ज्योतिषियों द्वारा बताए गए कुछ सामान्य उपाय इस प्रकार हैं:
- मंगल यंत्र की दैनिक पूजा करनी चाहिए
- महिलाओं को प्रतिदिन पार्वती मंगल स्त्रोत्र का जाप करना चाहिए
- भगवान शिव के लिए 16 सोमवार का व्रत करें
- सोमवार के दिन भगवान शिव को जल और कच्चा दूध चढ़ाएं
- हनुमान चालीसा पढ़ना भी सहायक होता है
- महिलाओं को हर शाम तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए
- विवाहित जोड़ों को मंगलवार के दिन हनुमानजी को लाल कपड़े में लिपटा बताशा अर्पित करना चाहिए
- संतों, बंदरों और मां की देखभाल और सेवा करें
- मंगलवार के दिन ईंटों का दान करें
- एक गिलास पानी में शहद डालें और इसे रोज सुबह सूरज को अर्पित करें
- मंगल स्तोत्र और मंत्र का जाप ज़रूर करें